नार्को-टेरर मामले में दो भाइयों का घर कुर्क, पाकिस्तान से जुड़े तार, आतंकवाद पर खपा रहे थे धन

मामला पाकिस्तान से भारत में बड़ी मात्रा में ड्रग्स की तस्करी के लिए एक नार्को-आतंकवादी मॉड्यूल द्वारा रची गई साजिश से जुड़ा है। सीमा पार से आयातित सेंधा नमक की आड़ में दवाओं की तस्करी की जा रही थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाब के अमृतसर जिले में पाकिस्तान प्रायोजित नार्को-टेरर मामले में गिरफ्तार दो भाइयों के घर को कुर्क कर लिया है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि बिक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की और उनके भाई मनिंदर सिंह उर्फ मनी की आवासीय संपत्ति को ‘आतंकवाद की आय’ के रूप में नामित करने के बाद गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत कुर्क किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में दोनों भाइयों को पहले ही एनआईए गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले एनआईए ने इस मामले में 7.5 एकड़ जमीन, छह वाहन कुर्क किए थे। 6.35 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की थी।

एनआईए ने पहले ही इस मामले में यूएपीए, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की प्रासंगिक धाराओं के तहत 13 आरोपियों के खिलाफ चार आरोप पत्र (तीन पूरक) दाखिल कर चुकी है। 2020 में पंजाब पुलिस ने पहले मामला दर्ज किया था। बाद में आठ मई 2020 को एजेंसी ने मामले की जांच शुरू की।

प्रवक्ता ने कहा कि मामला पाकिस्तान से भारत में बड़ी मात्रा में ड्रग्स की तस्करी के लिए एक नार्को-आतंकवादी मॉड्यूल द्वारा रची गई साजिश से जुड़ा हैसीमा पार से आयातित सेंधा नमक की आड़ में दवाओं की तस्करी की जा रही थीतस्करी की गई दवाओं की बिक्री से प्राप्त आय का उपयोग पंजाब में चल और अचल संपत्ति बनाने में किया जा रहा था। इसके अलावा कश्मीर में प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन संगठन के आतंकवादियों को वित्त पोषित करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा था।  

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