गाज़ा अस्पताल पर बमबारी युद्ध की भयावहता को दिखाती है, ग्लोबल लीडर्स को आग नहीं भड़कानी चाहिए

अल-अहली अस्पताल पर बमबारी किसने की इसकी बहस दिखाती है कि अगर घनी आबादी वाले गाज़ा में युद्ध होता है तो भविष्य के हालात क्या होंगे. निर्दोष नागरिकों की हत्या चरमपंथियों को सशक्त बना रही है और वैश्विक शांति संकट को हरा रही है. सभी दलों के नेताओं को ऐसी आग भड़काने से बचना चाहिए जिसके क्षेत्र से बाहर फैलने का ख़तरा हो.      अस्पताल पर बमबारी हो ही गई है। किसने की, इसे लेकर इज़राइल का दावा अलग है मगर उसके इस दावे पर सवालों की भरमार लग गई है कि उसने बमबारी नहीं की। फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इज़राइल ने बम गिराए हैं। संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन के राजदूत ने कहा है कि हमला इज़राइल ने किया है। जेरुसलम के एकमात्र ईसाई अस्पताल, अल-अहली बैप्टिस्ट अस्पताल पर ऐसी भारी बमबारी हुई है कि 500 लोगों के मारे जाने की खबर है। कहीं-कहीं यह संख्या 800, यहाँ तक कि एक हज़ार भी बताई जा रही है। कई सौ लोगों के मलबे में दबे होने की ख़बर है। मरने वालों में केवल मरीज़ नहीं हैं बल्कि सुरक्षा कर्मी, आम लोग, शरणार्थी, डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी भी हैं। इनकी संख्या पहले से कम हैं, इनके मारे जाने का मतलब है कि अब जो घायल होंगे, उनकी जान बचाने वाला कोई नहीं होगा। इसलिए अस्पताल को ध्वस्त कर, डाक्टरों को मार कर आने वाले दिनों में और अधिक संख्या में लोगों का मरना तय कर दिया गया है। सेना का बयान है कि हमारी छान-बीन से पता चलता है कि इस्लामिक जिहाद ने इज़राइल की तरफ कई राकेट दागे थे, जो अस्पताल के ऊपर से गुज़रते हुए उस पर गिर गए। बाइडन ने इज़राइल आ कर नेतान्याहु के साथ बैठक में बिना हमास का नाम लिए कहा है कि मैंने अब तक जो देखा है उस से लगता है कि ये आपने नहीं, दूसरी तरफ के लोगों ने किया है। पर बहुत से लोगों को अभी संदेह है। उन्होंने इज़राइल के बयान से दूरी बनाई है मगर यह भी कह दिया है कि अमरीका आत्म रक्षा के लिए इज़राइल की हर संभव मदद करेगा। 7 से 18 अक्तूबर आ गया, इज़राइल इस लड़ाई को जीत नहीं सका है, बंधकों को छुड़ाने का मामला कहीं नज़र नहीं आ रहा है, उसकी खुफिया एजेंसी अभी तक पता नहीं लगा पाई है कि वे कहां रखे गए हैं और कैसे छुड़ाए जाएंगे। अरब के देशों को अमरीका से ही उम्मीद है कि इज़राइल काबू में आए मगर लगता नहीं कि इज़राइल किसी के काबू में आने वाला है।

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