क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज लुधियाना विभाग कार्डियोलॉजी के प्रमुख डॉ गुरभेज सिंह. एमडी, डीएम कार्डियोलॉजी ने दिल की बीमारियाँ – Heart diseases निम्न प्रकार के होते हैं, जैसे:
कोरोनरी धमनी की बीमारी – Coronary artery disease
कोरोनरी धमनी रोग तब उत्पन्न होता है, जब हृदय के लिए रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में कोलेस्ट्रॉल प्लाक (cholesterol plaques) जमने के कारण धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं। जिससे हृदय में पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती हैं। संकुचित धमनियों के कारण इनमें अचानक रक्त का थक्का जमने से पूर्ण रुकावट का जोखिम अधिक होता है, जिससे हार्ट अटैक की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
स्टेबल एनजाइना पेक्टोरिस – Stable angina pectorisin
यह रोग कोरोनरी धमनियों के संकीर्ण होने के कारण छाती में दर्द या बेचैनी से सम्बंधित स्थिति है। इस समस्या से सम्बंधित लक्षण आमतौर पर आराम करने से बेहतर हो सकते हैं।
अस्थिर एनजाइना पेक्टोरिस – Unstable angina pectoris
यह किसी व्यक्ति के सीने में दर्द या बेचैनी की स्थिति है, जो लगातार गंभीर और बिगड़ती जाती है। यह एक आपातकालीन स्थिति है, क्योंकि यह हार्ट अटैक, असामान्य दिल की धड़कन (abnormal heart rhythm) या हृदय गति का रुक जाना आदि से सम्बंधित समस्याओं का कारण बन सकती है।
मायोकार्डियल रोधगलन (हार्ट अटैक)- Myocardial infarction (heart attack)
हृदय से सम्बंधित इस समस्या में एक कोरोनरी धमनी अचानक अवरुद्ध हो जाती है। जिसके कारण ऑक्सीजन न मिलने के कारण, हृदय की मांसपेशी का कुछ हिस्सा मर जाता है।
एरिथमिया- Arrhythmia (dysrhythmia)
एरिथमिया को अनियमित दिल की धड़कन (हृदय अतालता) के नाम से जाना जाता है। यह स्थिति हृदय के माध्यम से विद्युत आवेगों के चालन में असामान्य परिवर्तन के कारण उत्पन्न होती है।
कन्जेस्टिव हार्ट फेल्योर– Congestive heart failure
कार्डियोमायोपैथी – Cardiomyopathy
कार्डियोमायोपैथी, हृदय की मांसपेशी से सम्बंधित एक रोग, जिसमें हृदय असामान्य रूप से बढ़ा और सख्त (कठोर) हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता कम हो जाती है।
मायोकार्डिटिस – Myocarditis
मायोकार्डिटिस हृदय की मांसपेशियों की सूजन है, इसका सबसे मुख्य कारण वायरल संक्रमण होता है।
पेरिकार्डिटिस – Pericarditis
पेरिकार्डिटिस को दिल के अस्तर की सूजन के रूप में जाना जाता है। इस समस्या का मुख्य कारण वायरल संक्रमण, किडनी की विफलता और ऑटोइम्यून स्थिति हो सकती है।
पेरिकार्डियल बहाव – Pericardial effusion
दिल की अस्तर (पेरिकार्डियम) और हृदय के बीच अतिरिक्त तरल पदार्थ की उपस्थिति को मेडिकल के क्षेत्र में पेरीकार्डियल इफ्यूजन के नाम से जाना जाता है। अक्सर, यह समस्या पेरिकार्डिटिस के कारण उत्पन्न हो सकती है।
आलिंद फिब्रिलेशन – Atrial fibrillation
आलिंद फिब्रिलेशन, एक असामान्य दिल की धड़कन है, जो कि आलिंद में असामान्य विद्युत आवेग (Abnormal electrical impulses) से सम्बंधित समस्या हैं। एट्रियल फिब्रिलेशन सबसे सामान्य एरिथमिया (arrhythmias) का एक प्रकार है।
पल्मोनरी एम्बोलिज्म– Pulmonary embolism
पल्मोनरी धमनी, जो फेफड़ों को रक्त की आपूर्ति करती है, में रुकावट की स्थिति को पल्मोनरी एम्बोलिज्म के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में आमतौर पर रक्त का थक्का, हृदय से फेफड़ों तक रक्त प्रवाह में रुकावट का कारण बनता है।
Dr Gurbhej Singh.
MD,DM Cardiology (SCTIMST) Fellowship Inerventional cardiology.
Gernal opd (8 AM -1PM) Mon/Sat Private (8 AM-1PM) Tue/Wed/Fri
Associate Professor CMCH Whatsapp – 7657990499
Christian Medical College Ludhiana