आर्थोपेडिक सर्जरी के बाद जल्दी रिकवरी है संभव, बस अपनाएं कुछ आसान तरीके-डॉ दीपक जैन एमबीबीएस, एमएस, एमएएमसी

डॉ दीपक जैन  एमबीबीएस, एमएस, एमएएमसी  संयुक्त प्रतिस्थापन में विशेषज्ञ & आर्थ्रोस्कोपी हड्डी रोग विभाग
• दयानंद मेडिकल कॉलेज & हॉस्पिटल  ने वताया आर्थोपेडिक सर्जरी के बाद जल्दी रिकवरी है संभव,बस अपनाएं कुछ आसान तरीके  शारीरिक समस्याओं का उपचार उनके कारणों, लक्षणों और कई अन्य कारकों पर निर्भर करता है। कम गंभीर समस्या की स्थिति में उपचार के लिए सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन गंभीर स्थितियों में सर्जरी की जरूरत हो सकती है। सर्जरी एक चिकित्सा है, जिसमे रोग या चोट की स्थिति की जांच या उपचार के लिए ऑपरेटिव मैनुअल और इंस्ट्रूमेंटल तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इन्हीं में से एक है ऑर्थोपेडिक सर्जरी (Orthopedic Surgery)। ऑर्थोपेडिक सर्जरी (Orthopedic Surgery) या आर्थोपेडिक्स, मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम (Musculoskeletal system) से जुड़ी स्थितियों से संबंधित सर्जरी की ब्रांच है। आर्थोपेडिक सर्जन सर्जिकल और नॉनसर्जिकल दोनों साधनों का प्रयोग मस्कुलोस्केलेटल ट्रॉमा (Musculoskeletal Trauma), रीढ़ की बीमारियों (Spine Diseases), स्पोर्ट्स इंजरी (Sports Injuries), संक्रमण, ट्यूमर और जन्मजात विकारों (Congenital Disorders) के इलाज के लिए करते हैं। जानिए क्या है ऑर्थोपेडिक सर्जरी?

ऑर्थोपेडिक सर्जरी क्या है? (What is orthopedic surgery)

ऑर्थोपेडिक, या आर्थोपेडिक्स, मस्कुलोस्केलेटल प्रणाली के उपचार पर केंद्रित है। जिसमें हड्डियों, जोड़ों, स्नायुबंधन, मांसपेशियों, नसों और यहां तक ​​कि त्वचा भी शामिल है। ऑर्थोपेडिक सर्जरी (Orthopedic Surgery) के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जो जन्म दोष से लेकर गठिया तक किसी भी चीज का इलाज कर सकते हैं। ऑर्थोपेडिक सर्जन (Orthopedic Surgeon) हड्डियों, जोड़ों, स्नायुबंधन, टेंडन और मांसपेशियों संबंधी विकारों की रोकथाम, निदान और उपचार के लिए काम करते हैं।

 

ऑर्थोपेडिक सर्जरी के प्रकार (Types of Orthopedic Surgery)

अगर आपको डॉक्टर ने सर्जरी के लिए कहा गया है तो इससे आपको यह बात जानने में मदद मिल सकती हैं कि आपकी समस्या सामान्य है या नहीं। कुछ सबसे सामान्य ऑर्थोपेडिक सर्जरीज (Orthopedic Surgeries) इस प्रकार हैं:

नी रिप्लेसमेंट (Knee Replacement)

नी यानी घुटने हमारे शरीर के सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाले जोड़ हैं। लेकिन, दुर्भाग्यवश अधिक प्रयोग होने के कारण इन्हें ज्यादा नुकसान का भी सामना करना पड़ता है। नी रिप्लेसमेंट सर्जरी (Knee Replacement Surgery) में या तो नी का कुछ हिस्सा या इसे पूरा ही बदल दिया जाता है। इनकी जगह आर्टिफिशियल का प्रयोग किया जाता है। यह जरूरी है क्योंकि अधिकतर मामलों में, जोड़ों में उपास्थित कार्टिलेज क्षतिग्रस्त हो गया होता है, जिससे मूवमेंट में समस्या होती है। घुटने में समस्या के कई कारण हो सकते हैं। जैसे घुटनों में ट्रामा या मोटापा आदि।

एंटीरीयर क्रूसीएट लिगामेंट सर्जरी या ACL सर्जरी (Anterior Cruciate Ligament Reconstruction  Surgery )

एंटीरीयर क्रूसीएट लिगामेंट (ACL) नी का एक महत्वपूर्ण भाग है। जो आपको उस समय स्थिर रहने में मदद करता है जब आप टांग को हिलाते हैं। अगर यह लिगमेंट टूट जाता है, तो रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी इसे ठीक करने के लिए की जाती है। आमतौर, पर यह सर्जरी मेजर नहीं होती और रोगी उसी दिन अस्पताल से घर वापस आ सकता है।

हिप रिप्लेसमेंट (Hip Replacement)

अन्य सामान्य जोड़, जिसे बदला जा सकता है वो है हिप। हिप ऐसीटैबुलम (Acetabulum) और फेमोरल हेड  (Femoral Head) से बना होता है।  घुटने की तरह यह भी, दो अलग-अलग प्रकार की रिप्लेसमेंट सर्जरी हैं। इसके अधिकतर मामलों में पूरा जॉइंट ही बदल दिया जाता है हालांकि एक अन्य प्रक्रिया भी है, जिसमें केवल उसी भाग को बदलते हैं, जिसमें समस्या है।

शोल्डर रिप्लेसमेंट (Shoulder Replacement)

अन्य सामान्य जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी कंधे की होती है। घुटने और हिप की तरह कंधे पर भी सामान्य से अधिक दबाव पड़ता है। आमतौर पर अगर ह्यूमरस (Humerus) का ऊपरी हिस्सा टूट जाता है तो उसे निकाल कर मेटल बॉल से बदल दिया जाता है। लेकिन, अगर रोटेटर कफ ( Rotator Cuff) को नुकसान हुआ होता है तो इसमें आर्म बोन के ऊपर सॉकेट जो मेटल से बना होता है और प्लास्टिक रिप्लेसमेंट का प्रयोग किया जाता है।

ऑर्थ्रोस्कोपी (Arthroscopy)

अर्थरोस्कोपी वो प्रक्रिया है जो घुटने और कंधे पर की जाती है। यह न्यूनतम इनवेसिव ऑर्थोपेडिक (Minimally Invasive Orthopedic) प्रक्रियाओं में से एक है, जिससे सर्जन जिस जगह पर चोट लगी है, वहां की साफ इमेज प्राप्त करने के लिए जोड़ के पास शरीर में एक छोटा कैमरा लगा पाता है। आपको घुटने या कंधे के प्रतिस्थापन से पहले एक आर्थ्रोस्कोपी (Arthroscopy) करने की आवश्यकता हो सकती है ताकि सर्जन को पता चले कि समस्या कितनी बड़ी है और वास्तव में क्या करने की आवश्यकता है।

जॉइंट फ्यूजन (Joint Fusion)

अगर आपको अर्थराइटिस है. तो आपको जॉइंट फ्यूजन प्रोसीजर अपनाना चाहिए। इस सर्जरी में कार्टिलेज को शरीर के उस हिस्से से निकाल दिया जाता है जहां चोट न लगी हो और इसे उस जगह पर लगा दिया जाता है जहां नुकसान हुआ है।

ऑर्थोपेडिक सर्जरी से पहले किन बातों का ध्यान रखें? (Orthopedic Surgery)

ऑर्थोपेडिक सर्जरी (Orthopedic Surgery) से पहले आपका पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी है। जानिए, ऑर्थोपेडिक सर्जरी (Orthopedic Surgery) से पहले किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

सबसे जरूरी है आपका स्वस्थ होना (Most Important is your Health)

ऑर्थोपेडिक सर्जरी (Orthopedic Surgery) से पहले इस बात का ख्याल रखना बेहद जरूरी है कि आप स्वस्थ हों। अगर आप स्वस्थ होंगे तो न केवल आपकी सर्जरी में कोई समस्या नहीं होगी बल्कि आपको जल्दी स्वस्थ होने में भी मदद मिलेगी। स्वस्थ रहने के लिए आपको सही आहार लेना चाहिए। हेल्दी फूड आपके शरीर को पौष्टिक तत्व प्रदान करता है।  सर्जरी से पहले आपको फल,सब्जियां, लीन मीट, हेल्दी फैट्स आदि लेने चाहिए।  इसके साथ ही आहार इसमें प्रोटीन (Protein), विटामिन सी (Vitamin C), जिंक (Zinc) आदि भी हों। इससे आपको जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी। अधिक से अधिक पानी पीना न भूलें।

ऑर्थोपेडिक सर्जरी से पहले जानें पूरी प्रक्रिया (Learn the Entire Procedure before Orthopedic Surgery)

ऑर्थोपेडिक सर्जरी (Orthopedic Surgery) से पहले इस सर्जरी के पूरे प्रोसेस को समझ लें। ताकि आपको इन चीजों की पूरी समझ हो :

सर्जरी के बाद कैसे करें देखभाल? (care after Surgery)

यदि आप सर्जरी करवा रहे हैं, तो आप यह भी जानना चाहेंगे कि आप किस तरह से जल्दी ठीक हो सकते हैं और अपने काम पर लौट सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर आपका पूरा मार्गदर्शन करेंगे। लेकिन आपको भी कुछ चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए, जैसे:

अपने डॉक्टर की इंस्ट्रक्शंस का पालन करें (Follow Doctor’s Instructions)

कुछ रोगी सर्जरी के बाद डॉक्टर की सलाहों का पूरी तरह से पालन करते हैं। लेकिन, कुछ इन्हें इतनी गंभीरता से नहीं लेते। लेकिन, आपको डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही आपको अपॉइंटमेंट्स लेकर नियमित चेकअप भी अवश्य कराना चाहिए।

 

इंफेक्शन से बचें (Avoid infection)

सर्जरी के बाद इंफेक्शन से बचाव बेहद बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको अपना पूरा ख्याल रखना होगा। जैसे साफ-सफाई का ध्यान रखना, हाथों को धोते रहना आदि।

सही और संतुलित आहार का सेवन (Eat Right and Balanced Diet)

कुछ लोगों का सर्जरी के बाद कुछ भी खाने का मन नहीं करता। इसका कारण उनके मन का खराब होना, कब्ज होना या भूख न लगना आदि कुछ भी हो सकता है। लेकिन, हाइड्रेटेड रहना और हेल्दी डायट सर्जरी के बाद जरूरी है ताकि आप जल्दी ठीक हो सके।

दर्द को कंट्रोल करें (Control Pain)

सर्जरी के बाद दर्द को कंट्रोल में रखना जरूरी है।  कुछ रोगी दर्द दूर करने वाली दवाईयों को लेने से बचते हैं।  उन्हें ऐसा लगता है कि इससे उन्हें इन दवाईयों की आदत पड़ जाएगी। लेकिन, ऐसा नहीं है। उन्हें इन दवाईयों को लेना नहीं भूलना चाहिए।

मूव करते रहें (Keep Moving)

सर्जरी के बाद मूव करते रहना बेहद जरूरी है ताकि आप सही रहें। यह हालांकि आपको आसान सी चीज लग रही होगी, लेकिन इससे गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। मूव करने और कुछ समय बाद डॉक्टर की सलाह के बाद व्यायाम करने से आपको जल्दी रिकवर होने में मदद मिलेगी।

Dr Deepak Jain

MBBS,MS,M.A.M.C

Specialist In Joint Replacement & Arthroscopy

OPD -TUE-THV-SAT

9815500169

Department of Orthopaedics

Professor,Orthopaedics

Dayanand Medical College & Hospital

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