SPG: पीएम मोदी की सुरक्षा में तैनात देसी डॉग ‘मुधोल हाउंड’ का किंग जॉर्ज और शिवाजी से है कनेक्शन, जानें

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में अब एसपीजी कमांडो के साथ ही मुधोल हाउंड भी तैनात नज़र आएगा. मुधोल हाउंड एक ख़ास प्रकार की डॉग ब्रीड शिवाजी की सेना का भी हिस्सा रही है. जानिए आखिर ऐसे कौन से कारण हैं जिनकी वजह से मुधोल हाउंड चर्चा का कारण बना हुआ है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात के एक एपिसोड में देसी नस्ल के कुत्तों को पालने और उनके संरक्षण की बात कही थी. इस दौरान उन्होंने ‘मुधोल हाउंड’ का भी जिक्र किया था. वहीँ अब खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात एसपीजी ( Special Protection Group ) में पहली बार इन स्वदेशी नस्ल के कुत्तों को शामिल किया जा रहा है.

 जॉर्ज पंचम ने दिया था नाममुधोल हाउंड

‘मुधोल हाउंड’ कुत्तों की इस प्रजाति का नाम इतिहास की अनेकों कहानियों में अंकित है. जानकारों के अनुसार, ये कुत्ते भारत में एशिया और अरब से लाए गए थें. कर्नाटक के मुधोल रियासत के शासकों द्वारा पाले जाने वाले ये ख़ास प्रजाति के कुत्ते ईमानदार, बहादुर और रॉयल्टी का प्रतीक माने जाते थे.

साल 1937 में मुधोल के आखिरी शासक मालोजीराव घोड़पड़ें ने इस कुत्ते की एक जोड़ी अंग्रेजी शासक किंग जॉर्ज पंचम को भेंट की थी. जिसके बाद उन्होंने इस प्रजाति को नाम दिया थामुधोल हाउंड’, दरअसल हाउंड का मतलब होता है विशाल शिकारी कुत्ता.

साइट हाउंड की इस ब्रीड के और भी कई नाम हैं जैसे कि मराठा हाउंड, पशमी हाउंड, और काठेवर हाउंड. इसके अलावा केनल क्लब ऑफ़ इंडिया ने इस प्रजाति को कारवान हाउंड और इंडियन नेशनल क्लब ने इसे मुधोल हाउंड के नाम से रजिस्टर किया है.

 कैसे दिखते हैं शिवाजी की सेना में शामिल मुधोल हाउंड प्रजाति के डॉग

VVIP की सुरक्षा में लगाए जाने के लिए तैयार किए जा रहे इन कुत्तों की लम्बाई 60 से 70 सेंटीमीटर होती है. और वहीँ नर हाउंड का वजन मैक्सिमम 30 किलो और मादा हाउंड का वजन मैक्सिमम 25 किलो तक होता है. भारत के कई क्षेत्रों में मशहूर इस प्रजाति का जीवन काल 10 से 15 साल का होता है.दिखने में खूंखार और विशाल शरीर वाले इन कुत्तों का स्वभाव बेहद ही फ्रेंडली होता है.

मुधोल हाउंडके आकर्षक बनावट और बहादुरी का लोहा मराठी सेना ने भी माना था. यही कारण है कि ये 300 पहले मौजूद मराठा शासक शिवाजी महाराज की सेना में भी मुधोल हाउंड की एक टुकड़ी मौजूद थी.

सूंघने में तेज़ इस स्वदेशी नस्ल को तेज़ ठण्ड और बारिश के मौसम से दिक्कत होती है .ढलती उम्र में मुधोल हाउंड को अक्सर लीवर, पेट यार मरास्मस जैसी समस्याएं घेर लेती हैं.

क्यों किया गया मुधोल हाउंड को एसपीजी में शामिल

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि मुधोल हाउंड प्रजाति पहली बार सेवा के लिए चुनी गयी है. साल 2016 में मुधोल हाउंड को भारतीय सेना के ट्रेनिंग सेंटर में शामिल किया गया था. इसके बाद अब तक ये जबाज़ी कुत्ते इंडियन आर्मी और इंडियन एयरफ़ोर्स दोनों में अपनी सेवा दे चुके हैं और दे रहे हैं. शायद इसलिए ही जब एसपीजी अधिकारी कर्नाटक के कैनाइन रिसर्च एंड इनफार्मेशन सेंटर पहुंचे तो उन्हें वहां मौजूद कर्मचारियों ने दो मेल मुधोल डॉग लेने की सलाह दी. 4 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद इन दोनों ही डॉग्स को प्रधानमंत्री की सुरक्षा लगा दिया जाएगा.

आपको लग रहा होगा कि एसपीजी में जगह बनाने जा रहे इन आम से दिखने वाले कुत्तों में आखिर क्या ख़ास है. तो आइए बताते हैं कि आखिर कौन से हैं वो कारण:

अप लम्बाई का फायदा उठाते हुए इस प्रजाति के कुत्ते बहुत तेज़ दौड़ते हैं, यही कारण है कि ये  सुरक्षा एजेंसियों की पहली पसंद बन जाते हैं.

ये स्वदेशी प्रजाति 270 डिग्री तक देख सकती है, जोकि दुसरे कुत्तों के मुताबिक़ बेहद ही ज्यादा है.

शिकारियों की प्रजाति से आने वाले ये डॉग न सिर्फ निगरानी और चौकसी में बेस्ट होते हैं पर इनकी सूंघने की क्षमता भी बहुत अच्छी होती है.

सेना की टुकड़ी का महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाने वाली ये प्रजाति बाकि कुत्तों के मुक़ाबले कम थकती है और साथ ही बीमार भी कम पड़ती है.

मध्य एशिया और अरब से आने वाली ये प्रजाति बाकि ब्रीड्स की तुलना में ज्यादा बहादुर, आकर्षक, फुर्तीले और ईमानदार माने जाते हैं.

एसपीजी के लिए कैसे तैयार किया जा रहा है मुधोल हाउंड

देश के अत्यंत महत्वपूर्ण लोगों की लिस्ट में कई नाम शामिल है. इन सभी लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी पर होती है. यही कारण कि एसपीजी में शामिल सभी कमांडो को कड़ी ट्रेनिंग से गुज़रना पड़ता है. ये ट्रेनिंग डॉग्स के लिए भी कोई आसान नहीं होती है. जानकारों के मुताबिक़ इन कुत्तों की फुर्ती और स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज और बैलेंस्ड डाइट दिया जाता है. इनकी डाइट में अनाज, मांसाहार, दूध के साथ ही हरी सब्जियां और ट्रीट शामिल होती हैं.

इन ब्रीड्स को इस तरह से तैयार किया जाता है कि ये अपने इंस्ट्रक्टर का इशारा मिलते ही टारगेट पर तुरंत अटैक कर देते हैं. कमांडिंग इंस्ट्रक्टर इन डॉग्स को ट्रेंनिंग देने के लिए अलगअलग तरह के वाइब्रेशन का इस्तेमाल करते हैं.

 एसपीजी ( Special Protection Group) क्या है ?

एसपीजी ( Special Protection Group ) कमांडो देश ही नहीं विश्व की सबसे ताकतवर सेना मानी जाती है. ये कमांडो प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उनके परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाते हैं

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद स्थापित की गयी एसपीजी में डॉग्स एक महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं. एसपीजी में शामिल होने से पहले इनको आईटीबी एक्सपर्ट्स ट्रेनिंग प्रदान करते हैं. फिलहाल एसपीजी में शामिल मुधोल हाउंड को विस्फोटक की तलाश, काउंटर इमरजेंसी ऑपरेशन और सुरक्षा सम्बन्धी रोल के लिए तैयार किया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, मन की बात में पीएम द्वारा किए गये जिक्र और एसपीजी में हुए सिलेक्शन के बाद से इन डॉग्स की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गयी है.

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