“पहाड़ों की खूबसूरती के साथ, स्वास्थ्य की सुरक्षा भी जरूरी!”
डॉ. कोमलप्रीत कौर
एमबीबीएस (चिकित्सा अधिकारी, ईसीएचएस)
हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भौगोलिक स्थिति, जलवायु और जीवनशैली के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। कुछ मुख्य स्वास्थ्य समस्याएं इस प्रकार हैं:
1. श्वसन संबंधी समस्याएं
ठंडे मौसम में न्यूमोनिया, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है।
लकड़ी और कोयले के धुएं से फेफड़ों की बीमारियां हो सकती हैं।
उच्च ऊंचाई पर कम ऑक्सीजन के कारण हाइपोक्सिया (ऑक्सीजन की कमी) हो सकता है।
ऊँचाइयों पर भी रहे स्वास्थ्य का साथ, हिमाचल करे हर बीमारी का इलाज!”

2. जलजनित रोग
दूषित पानी से डायरिया, टाइफाइड और पीलिया जैसी बीमारियां फैल सकती हैं।
खराब स्वच्छता और खुले में शौच से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
3. जोड़ों और हड्डियों की समस्याएं
ठंडे मौसम में गठिया और जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है।
ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर ज्यादा चलने से घुटनों और पीठ में दर्द हो सकता है
।पहाड़ों की ऊँचाई नहीं रोकेगी इलाज की राह, हिमाचल का हर अस्पताल तैयार!”
“जहाँ प्रकृति का साथ, वहाँ सेहत की बात – हिमाचल की स्वास्थ्य सेवाएँ आपके साथ!”
4. पोषण की कमी
ताजे फल और सब्जियों की सीमित उपलब्धता से विटामिन की कमी हो सकती है।
कुछ क्षेत्रों में आयोडीन की कमी के कारण गलगंड (गॉइटर) की समस्या देखी जाती है।
5. सांप और कीड़ों के काटने का खतरा
जंगलों में सांप और मच्छरों के काटने से मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
6. मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं
एकांत, कठोर जलवायु और सीमित स्वास्थ्य सेवाओं के कारण तनाव, डिप्रेशन और चिंता बढ़ सकती है।
लंबी सर्दियों और कम धूप के कारण सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) हो सकता है।
7. दुर्घटनाएं और चोटें
भूस्खलन, सड़क दुर्घटनाएं और ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर गिरने की घटनाएं आम हैं।
समय पर इलाज न मिलने से मामूली चोटें भी गंभीर हो सकती हैं।
ऊँचाइयों पर भी रहे स्वास्थ्य का साथ, हिमाचल करे हर बीमारी का इलाज!”
स्वास्थ्य सेवा पहुँचे हर गाँव-गली, हिमाचल बने सेहत की नई मिसाल!”
स्वास्थ्य सुविधाओं की संरचना:
1. प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल:
स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (HWCs):
2. माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल:
क्षेत्रीय और सिविल अस्पताल:
3. तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल:
मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल:
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (IGMC), शिमला: यह संस्थान 1966 में स्थापित हुआ और हिमाचल प्रदेश का प्रमुख चिकित्सा शिक्षण और उपचार केंद्र है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), बिलासपुर: 2017 में स्थापित, यह संस्थान अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करता है।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (RPGMC), टांडा: 1996 में स्थापित, यह कॉलेज कांगड़ा जिले में स्थित है और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और सेवाएँ प्रदान करता है।
श्री लाल बहादुर शास्त्री गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (SLBSGMC), नेर चौक, मंडी: यह संस्थान 2009 में स्थापित हुआ और मंडी जिले में चिकित्सा सेवाओं का प्रमुख केंद्र है।
1. “पहाड़ों में सेहत की सुरक्षा, बेहतर स्वास्थ्य की है गारंटी!”
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👩⚕️ Dr. Komalpreet Kaur
MBBS (Medical Officer, ECHS)
🔹 MBBS, MMU Medical College, Solan, H.P.
🔹 Ex-House Surgeon, CMC Hospital, Ludhiana
🔹 Medical Officer, AAC Begowal, Ishar Singh Nagar
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