Manipur: ‘हिंसक झड़पों को धार्मिक लड़ाई के रूप में न करें पेश’, मणिपुर नागरिक समाज ने यूरोपीय संसद से कहा

यूरोपीय संसद

सीओसीओएमआई ने यूरोपीय संसद की अध्यक्ष रोबर्टा मेत्सोला को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि आपको जो भी जानकारी मिली है वो गलत और भ्रामक है।

मणिपुर अखंडता समन्वय समिति (COCOMI) का कहना है कि यूरोपीय संसद (EU) द्वारा 13 जुलाई को मणिपुर हिंसा पर अपनाया गया प्रस्ताव गलत और भ्रामक दृष्टिकोण से प्रेरित था। इंफाल घाटी स्थित नागरिक समाज संगठन ने बताया कि मणिपुर में भड़की हालिया हिंसा धार्मिक आधार पर नहीं थी।

यह प्रस्ताव किया था पास

यूरोपीय संसद ने हाल ही में भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मणिपुर में हाल की झड़पों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में संसद ने भारतीय अधिकारियों से जातीय और धार्मिक हिंसा को रोकने और सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कदम उठाने का आह्वान किया था।

नागरिक समाज संगठन ने जताया विरोध

सीओसीओएमआई ने यूरोपीय संसद की अध्यक्ष रोबर्टा मेत्सोला को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि आपको जो भी जानकारी मिली है वो गलत और भ्रामक है। यही वजह है कि आपने मणिपुर मुद्दे को धार्मिक हिंसा समझ लिया। आपने इसे ईसाई अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक मैतेई हिंदू के बीच संघर्ष के रूप में गलत समझा है।

धार्मिक लड़ाई के रूप में पेश न करें

नागरिक समाज ने यूरोपीय संसद से कहा कि कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसक झड़पें को धार्मिक लड़ाई के रूप में पेश करके मणिपुर को नशीले पदार्थ के व्यापार का ‘नया स्वर्णिम त्रिकोण’ न बना है और न ही बनने दिया जाए।

कुछ स्वार्थी लोगों की वजह से फैला झूठ

COCOMI ने ईयू के सदस्यों की राय को खारिज कर दिया है। साथ ही कहा कि यह कुछ स्वार्थी समूहों द्वारा फैलाए गए झूठ के जाल से बनी है।

मणिपुर नागरिक समाज समूह पर देशद्रोह का मुकदमा
बता दें कि हाल ही में, असम राइफल्स ने मणिपुर की राजधानी इंफाल के एक प्रभावशाली नागरिक समाज समूह मणिपुर अखंडता समन्वय समिति (COCOMI) के प्रमुख के खिलाफ देशद्रोह और मानहानि का मामला दर्ज किया था। एक वरिष्ठ रक्षा सूत्र ने बताया कि समिति ने लोगों से हथियार न डालने का आह्वान किया था, जिसके बाद उसके खिलाफ 10 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसकी पुष्टि करते हुए एक पुलिस अधिकारी ने कहा था कि चुराचांदपुर थाने में COCOMI समन्वयक जितेंद्र निंगोम्बा के खिलाफ राजद्रोह से संबंधित धारा 124ए और धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच द्वेष को बढ़ावा देने से जुड़ी धारा 153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। सूत्रों ने आरोप लगाया कि 30 जून को बिष्णुपुर के मोइरांग में सेना ने कई महिला प्रदर्शनकारियों से मारपीट की। बहरहाल, सेना ने यह आरोप खारिज किया है।

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