सिविल अस्पताल में नाक, गले और मुंह के कैंसर की सर्जरी शुरू हो गई हैं।

लुधियाना: सिविल अस्पताल में नाक, गले और मुंह के कैंसर की सर्जरी शुरू हो गई हैं। इससे जरूरतमंद मरीजों को बड़ी राहत होगी। यह संभव हो पाया है डा. विक्रमजीत सिंह की वजह से।सिविल अस्पताल में नाक, गले और मुंह के कैंसर की सर्जरी शुरू हो गई है। डॉ. विक्रमजीत सिंह के प्रयासों से जरूरतमंद मरीजों को निश्चित रूप से बड़ी राहत मिलेगी। ऐसे विशेषज्ञों का समर्पण और सेवा भाव समाज के लिए अनमोल है।

डा. विक्रमजीत सिंह ने सिविल सर्जन डा. जसबीर सिंह से मिलकर लोकहित में सिविल अस्पताल में गले, नाक, मुंह व थायरायड के कैंसर से जूझ रहे मरीजों के इलाज करने को लेकर इच्छा जताई थी।

इसे सिविल
सिविल अस्पताल में स्वैच्छिक तौर पर एक दिन के लिए सेवाएं दे रहे डा. विक्रमजीत सिंह की वजह से यह संभव हो पाया
सर्जन ने स्वीकृति प्रदान कर दी। डा. विक्रमजीत सिंह हर वीरवार सिविल अस्पताल की ईएनटी ओपीडी में आते हैं। निजी अस्पताल में कैंसर की सर्जरी में मरीजो को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते है। मार्च के आखिरी सप्ताह में उन्होंने थायराइड कैंसर से जूझ रहे 35 वर्षीय मरीज की सर्जरी की। मरीज को कैंसर के शुरुआती लक्षण थे।
उन्होंने मरीज की थायरायड ग्रंथि से एक छोटा ट्यूमर हटा दियासिविल अस्पताल की एसएमओ डा. मनदीप कौर सिद्ध ने कहा कि जरूरतमंद मरीज डा. विक्रमजीत सिंह की सिविल अस्पताल लुधियाना॰  सेवाओं का लाभ ले सकते हैं। मरीजों को इलाज में किसी तरह की परेशानी न आए, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा हैं। जिन मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड हैं, उन्हें सर्जरी व इलाज पर खर्च नहीं करना होगा। जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं हैं, वे मरीज महज एक हजार रुपये की
मेजर सर्जरी की फीस देकर इलाज करवा सकते हैं। वहीं ईएनटी विभाग के डा. दमनप्रीत सिंह ने बताया कि विभाग में कान के पर्दे, कान की हड्डी गलने, नाक की हड्डी बढ़ने व नाक में पोलिप की सर्जरी भी हो रही हैं।
कान के पर्दे फटने पर रिपेयर करने व पर्दा बदलने की सर्जरी पर निजी अस्पतालों में करीब 40 से 50 हजार रुपये का खर्च आ जाता हैं। वहीं अगर किसी के कान की हड्डी गल गई हो तो उसकी सर्जरी पर 60 से 70 हजार रुपये का खर्च आता हैं। सिविल अस्पताल में यह सर्जरी महज एक हजार रुपये में हो रही हैं। आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए यह निश्शुल्क है। अस्पताल प्रशासन की ओर से अन्य निजी डाक्टरों को भी जुड़ने की अपील की गई है। 

डा. विक्रमजीत सिंह ने बताया थायराइड कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो थायरॉयड ग्रंथि में शुरू होता है, थायराइड एक ग्रंथि होती है, जो हमारे गले में आगे के हिस्से में मौजूद होती है। थायराइड कैंसर (thyroid cancer) गर्दन के आधार पर एक छोटी तितली के आकार की ग्रंथि, थायरॉयड में विकसित होता है। यह ग्रंथि हार्मोन उत्पन्न करती है जो आपके मेटाबाॅलिज्म को नियंत्रित करती है। थायराइड हार्मोन शरीर के तापमान, रक्तचाप और हृदय गति को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं। जब ग्रंथि में कोशिकाएं बदलती हैं या उत्परिवर्तित होती हैं तो थायराइड कैंसर विकसित होता है। थायरॉयड में असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं और एक बार पर्याप्त मात्रा में हो जाने पर, वे एक ट्यूमर का निर्माण करती हैं। यदि समय पर इसका निदान किया जाए तो इसका इलाज संभव है। पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में थायरॉइड कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।

डा. विक्रमजीत सिंह ने बताया थायराइड कैंसर   किसी भी आयु वर्ग में हो सकता है, हालांकि यह 30 साल की उम्र के बाद सबसे आम है, और बुजुर्ग रोगियों में इसकी आक्रामकता काफी बढ़ जाती है।

(Types of thyroid cancer)

पैपिलरी थायराइड कैंसर (papillary thyroid cancer)

यह सभी थायराइड कैंसर के 80 प्रतिशत मामलों में पाया जाता है। यह धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन अक्सर आपकी गर्दन में लिम्फ नोड्स में फैल जाता है। इसके आपके रक्त वाहिकाओं में फैलने की भी अधिक संभावना है। फिर भी, इसमें ठीक होने की संभावना होती है।

फॉलीक्यूलर थायराइड (follicular thyroid)

फॉलिक्युलर थायरॉइड कैंसर में थायरॉइड कैंसर का 15 प्रतिशत तक निदान होता है। इस कैंसर के फेफड़ों की तरह हड्डियों और अंगों में फैलने की संभावना अधिक होती है। फॉलीक्यूलर थायराइड कैंसर भी थायरॉयड की फॉलीक्यूलर कोशिकाओं से उत्पन्न होता है। यह आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। मेटास्टेटिक कैंसर   का इलाज करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

मेडुलरी थायराइड कैंसर (medullary thyroid cancer)

लगभग 2 प्रतिशत थायराइड कैंसर मेडुलरी होते हैं। मेडुलरी थायराइड कैंसर वाले एक चौथाई लोगों में बीमारी का पारिवारिक इतिहास होता है। यह सी कोशिकाओं नामक थायरॉयड कोशिकाओं में शुरू होता है, जो हार्मोन कैल्सीटोनिन का उत्पादन करते हैं।

एनाप्लास्टिक (Anaplastic)

यह आक्रामक थायराइड कैंसर इलाज है। यह तेजी से बढ़ सकता है और अक्सर आसपास के ऊतकों और शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है। इसका इलाज बहुत मुश्किल है। एनाप्लास्टिक थायरॉयड कैंसर आमतौर पर 60 वर्ष और अधिक उम्र के किशोरों में होता है।

 

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