: मस्तिष्क में ट्यूमर मतलब हो गया कैंसर? जनिए ब्रेन ट्यूमर से जुड़े कॉमन मिथ्स & फैक्ट्स– डॉ पॉल सुधाकर जोहान बी

World Brain Tumor Day:

कॉमन मिथ्स & फैक्ट्स

क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज लुधियाना अस्पताल में न्यूरो सर्जन विभाग के एचओडी वरिष्ठ डॉ. सुधाकर जॉन बी.ने बताया         ब्रेन ट्यूमर के मामले वैश्विक स्तर पर बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। यह मस्तिष्क से संबंधित रोगों के कारण होने वाली मृत्यु का प्रमुख कारण भी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। ब्रेन ट्यूमर, मस्तिष्क की कोशिकाओं में होने वाली असामान्य वृद्धि की समस्या है, जिसके कई कारण हो सकते हैं।

मस्तिष्क में होने वाले ट्यूमर के बारे में लोगों को जागरूक करने और इससे बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 8 जून के वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है।

डॉ. सुधाकर कहते हैं, किसी भी बीमारी से बचाव के लिए सबसे आवश्यक है कि आपको उस रोग के बारे में सही और वैज्ञानिक जानकारी हो। ब्रेन ट्यूमर के मामले में अभ भी लोगों में जानकारी की कमी देखी जा रही है। इस समस्या के बारे में कई गलत सूचनाओं को हम में से ज्यादातर लोग सच मानते आ रहे हैं।

आइए ब्रेन ट्यूमर से संबंधित ऐसे ही कुछ मिथ्स और फैक्ट्स के बारे में जानते हैं।

मिथब्रेन ट्यूमर का मतलब आपके कैंसर हो गया है?

ब्रेन ट्यूमर को लेकर लोगों में सबसे गलत जानकारी यही है कि अगर किसी व्यक्ति में ब्रेन ट्यूमर का निदान होता है तो इसका मतलब उसे कैंसर हो गया है। हालांकि वास्तविकता ये है कि हर ब्रेन ट्यूमर कैंसरकारक नहीं होता है।

कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर को इस आधार पर वर्गीकृत किया जाता है कि वे कितनी तेजी से बढ़ते हैं। ग्रेड 1 और ग्रेड 2 वाले ट्यूमर ज्यादा हानिकारक नहीं होते हैं, हालांकि जिनको ग्रेड 3 और 4 वाले ट्यूमर होते हैं उनमें कैंसर हो सकता है।

मिथमोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से ब्रेन ट्यूमर होता है?

अमेरिकन कैंसर सोसायटी ने इस अफवाह के पीछे के तथ्यों को समझने के लिए शोध किया जिसकी रिपोर्ट बताती है कि मोबाइल फोन इस्तेमाल का ब्रेन ट्यूमर से कोई संबंध नहीं है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि इसके वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं कि फोन का उपयोग करने से ब्रेन ट्यूमर हो सकते हैं। मोबाइल फोन से रेडिएशन जरूर निकलता है जिसके कई नुकसान हो सकते हैं पर इससे ब्रेन ट्यूमर नहीं होता है।

मिथमाता-पिता को रहा है ब्रेन ट्यूमर तो आपको भी खतरा?

डॉ सुधाकर जॉन बी कहते हैं, यह न तो पूरी तरह मिथ है न ही पूरा सच। ब्रेन ट्यूमर का जोखिम वंशानुगत हो सकता है, लेकिन केवल 5-10 प्रतिशत मामले ऐसे देखे गए हैं जिसमें रोगी को यह समस्या परिवार से मिला हो। हालांकि इसका आनुवांशिक जोखिम कम होता है।

कैंसर रिसर्च यूके का कहना है कि केवल कुछ ही प्रकार के ब्रेन ट्यूमर ज्ञात आनुवंशिकता से संबंधित होते हैं, जबकि ज्यादातर रेडिएशन-कैमिकल या सिर में अन्य समस्याओं के कारण होते हैं।

मिथब्रेन ट्यूमर ज्यादा उम्र वालों को होता है?

ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, बच्चों में भी इसका खतरा रहता है। यहां तक कि बच्चों में देखा जाने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर, मस्तिष्क या सेंट्रल नर्वस सिस्टम (CNS) का कैंसर है। कुछ बच्चों में गर्भावस्था में ही ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। गर्भावस्था के तीसरे तिमाही में अल्ट्रासाउंड में इसका पता लगाया जा सकता है। इसलिए हमेशा ध्यान रहे कि ये ट्यूमर किसी भी व्यक्ति को प्रभावित करने वाला हो सकता है।

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