खूब सारी दावतें, ढेर सारे पकवान, घर की अतिरिक्त सफाई, आतिशबाजी, शॉपिंग के बीच आपकी सेहत इग्नोर हो जाती है। जबकि कहावत है कि जान है तो जहान है। आपके घर में छोटे बच्चे हैं, डायबिटीज रोगी हैं या आप अपने घर से दूर हैं, तो सुरक्षित दिवाली मनाने के इन उपायों को आपको ध्यान रखना चाहिए।
त्योहारों के मौके पर सजावट से लेकर खानपान तक के विशेष इंतज़ाम किए जाते हैं। मगर एक चीज़ जिसे कम तवज्जो दी जाती है, वो है सुरक्षा उपाय। दिवाली सेफ्टी टिप्स छोटे बच्चों से लेकर घर के बुजुर्ग तक हर किसी के लिए जरूरी हैं। खानपान में कोताही बरतने से जहां हृदय रोगों और डायबिटीज़ का खतरा बढ़ता है, तो वहीं वायु प्रदूषण से अस्थमा की समस्या बढ़ने लगती है। इस शोरगुल से अलग जो लोग अपने परिवार या घर से दूर हैं, उनमें अकेलापन और अवसाद का बढ़ना भी एक समस्या हो सकती है। चलिए उन चीजों पर बात करते हैं, जिनका ध्यान रख आप एक सुरक्षित दिवाली मना (Celebrate safe Diwali) मना सकते हैं।
यूनिसेफ की रिसर्च के अनुसार शिशु के जन्म के बाद पहले 1,000 दिन उसे वायु प्रदूषण से बचाने की आवश्यकता होती है। दरअसल, वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चे में शारीरिक और कॉग्नीटिव ग्रोथ प्रभावित होने लगती है
- उन्हें पटाखों से दूर रखें
नवजात शिशु की पहली दिवाली में जहां लोग पटाखे फोड़ते हैं और फुलझड़ियां चलाते हैं, उससे बच्चा डरने लगता है और सहमा हुआ रहता है। लाइट और सांउड के प्रति संवेदनशील होने से बच्चा देर तक रोता हैं। इससे निकलने वाला धुआं बच्चे के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही तेज़ आवाज़ हियरिंग पॉवर को प्रभावित करती है।
- फूलों से परहेज करें
रंगोली या अन्य सजावट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फूलों को बच्चों से दूर रखें। इससे पोलन एलर्जी का खतरा बना रहता है। साथ ही फीवर की संभावना बढ़ जाती है। एलर्जिक रिएक्शन से बचाने के लिए शिशु को डेकोरेटिव मेटीरियल से बचाकर रखें।
आरामदायक कपड़े पहनाएं
बच्चे को होने वाले रैशेज और गर्मी से बचाने के लि मुलायम कपड़े पहनाकर रखें। इससे वो खुद को एक्टिव महसूस कर सकता है। साथ ही पसीना आने की समस्या से बचा जा सकता है। दरअसल, धुएं के कारण बच्चे को ब्रीदिंग समस्या और गर्मी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बाहर लेकर जाना अवॉइड करें।
- एयर प्यूरीफायर कर सकते हैं ट्राई
अक्सर हल्की ठंड और धुआं मिलकर स्मॉग का कारण बनने लगते है। ऐसे में बच्चो ंमें चेस्ट कंजेशन बढ़ जाती है। बच्चे को किसी भी प्रकार की इनडोर एलर्जी से बचाने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। इससे हवा में मौजूद पॉल्यूटेंटस से बचा जा सकता है।
डायबिटीज़ रोगियों के लिए सुरक्षित दिवाली मनाने के उपाय (Tips to celebrate safe Diwali for diabetic patients)
- नेचुरल स्वीटनर्स को डाइट में करें शामिल
इस बारे में डायटीशियन व सर्टिफाइट डायबिटीज़ एजुकेटर डॉ अर्चना बत्रा बताती हैं कि चीनी की जगह आहार में मीठेपन को बनाए रखने के लिए दालचीनी, अंजीर, खजूर और फलों को शामिल करें। इससे शुगर स्पाइक से बचा जा सकता है। साथ ही शुगरी पेय पदार्थों को भी अवॉइड करने का प्रयास करें।
- ओवरईटिंग करने से बचें
हेल्दी और कम मात्रा में आहार लें। शरीर को हेल्दी रखने और डायबिटीज़ से बचने के लिए स्मॉल पोर्शन में खाएं। इससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल उचित बना रहता है। साथ ही कार्ब्स की कटौती करना आवश्यक है।
- व्यायाम न छोड़ें
त्योहारों के दिनो में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकने के लिए दिनभर में 30 मनिट एक्सरसाइज़ के लिए निकाले। इसके अलावा खाना खाने के बाद वॉक करना शरीर को एक्टिव और हेल्दी बनाए रखता है।
घर से दूर हैं तो मानसिक स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित दिवाली मनाने के उपाय (Tips to celebrate safe Diwali if you are alone)
परिवार से दूरी व्यक्ति की मायूसी का कारण बनने लगती है। दिवाली के मौके पर खुद को अकेला समझने से बेहतर है कि विडियो कॉल के ज़रिए परिवार के साथ पूजा में शामिल हो और उनसे बाचचीत करते रहें। इससे व्यक्ति खुद को परिवार से जुड़ा हुआ महसूस करता है।
अपने लिए सेलिब्रेट करें
दूसरों को खुश रखने के साथ सेल्फ केयर भी आवश्यक है। इसके लिए अपना पंसदीदा खाना बनाएं और शॉपिंग करें। साथ ही दिवाली को यादगार बनाने के लिए सोलो ट्रिप भी प्लान कर सकते है।
- दोस्तों के साथ डिनर प्लान करें
अकेले गुमसुम चार दीवारी में खुद को कैद करने की जगह बाकी दोस्तों के साथ डिनर पर जाएं और रौनक का आनंद लें। इससे मन में बढ़ने वाले तनाव और चिंता से बचा जा सकता है।
- सहयोगियों, पड़ोसियों और जरूरतमंदाें में खुशियां बांटें
नौकरी या पढ़ाई के कारण परिवार से दूर होने पर परेशान होने की जगह घर को सजाएं, संवारें और दीप जलाएं। इसके अलावा पूजा करें और बाकी रीति रिवाज़ के साथ त्योहार मनाएं। साथ अकेले रहने की जगह पड़ोसियों के साथ समय व्यतीत करें।
