लुधियाना, फरवरी 2025 – क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (सी.एम.सी.), लुधियाना ने डी.सी.एम. प्रेसीडेंसी स्कूल, जमालपुर में सर्वाइकल कैंसर की जांच एवं रोकथाम पर जागरूकता सेमिनार आयोजित किया।
सेमिनार में लगभग 100 शिक्षकों ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य सर्वाइकल कैंसर का शीघ्र पता लगाने और रोकथाम के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करना और जागरूकता फैलाना था।

मुख्य वक्ता:
डॉ. कविता भट्टी, प्रोफेसर एवं प्रमुख, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग
डॉ. ओलिविया सैमुअल, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग
कार्यक्रम में डी.सी.एम. प्रेसीडेंसी स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती रजनी कालरा ने भाग लिया, जिन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने में डॉक्टरों और टीम को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया।
यह पहल सी.एम.सी. अस्पताल लुधियाना की सामुदायिक स्वास्थ्य शिक्षा और निवारक स्वास्थ्य सेवा उपायों को बढ़ावा देने की निरंतर प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
डॉ. कविता भट्टी ने नियमित सर्वाइकल कैंसर जांच के महत्व पर जोर दिया
सीएमसी अस्पताल लुधियाना द्वारा डीसीएम प्रेसीडेंसी स्कूल, जमालपुर में आयोजित सर्वाइकल कैंसर जागरूकता सेमिनार के दौरान, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रोफेसर एवं प्रमुख डॉ. कविता भट्टी ने महिलाओं के लिए नियमित जांच के महत्व पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा:
“महिलाओं के लिए 30 वर्ष की आयु से नियमित सर्वाइकल कैंसर जांच करवाना महत्वपूर्ण है, ताकि एचपीवी की जांच हो सके, जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकता है। जिन महिलाओं का एचपीवी परीक्षण नकारात्मक आता है, उन्हें हर 5 से 10 वर्ष में फिर से जांच करवानी चाहिए।”
यह महत्वपूर्ण संदेश सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में प्रारंभिक पहचान की भूमिका को रेखांकित करता है और महिलाओं को नियमित चिकित्सा जांच के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करता है।
सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता और रोकथाम के सुझाव
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे ज़्यादा रोके जा सकने वाले कैंसर में से एक है। जागरूकता, शुरुआती जांच और जीवनशैली में बदलाव जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
डॉ. कविता भट्टी ने बताया – सर्वाइकल कैंसर क्या है?
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में पाया जाने वाला एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य कैंसर है, जो गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) यानी योनि और गर्भाशय के बीच के हिस्से में विकसित होता है। यह आमतौर पर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण के कारण होता है। यदि इसे समय पर पहचाना जाए, तो इसका इलाज संभव है।
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होता है, जो अक्सर ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) के उच्च जोखिम वाले प्रकारों के लगातार संक्रमण के कारण होता है। यह धीरे-धीरे विकसित होता है और नियमित जांच के ज़रिए इसका जल्दी पता लगाया जा सकता है।
सर्वाइकल कैंसर के मुख्य कारण – डॉ. कविता भट्टी
✔ HPV इसका प्रमुख कारण है – ज़्यादातर सर्वाइकल कैंसर के मामले HPV संक्रमण से जुड़े होते हैं, जो यौन संपर्क के ज़रिए फैलने वाला एक आम वायरस है।
✔ समय पर पता लगाने से जान बचती है – नियमित जांच से कैंसर में बदलने से पहले कैंसर से पहले होने वाले बदलावों का पता लगाने में मदद मिलती है।
✔ टीकाकरण से इसे रोका जा सकता है – HPV वैक्सीन सबसे ख़तरनाक HPV स्ट्रेन से बचाने में काफ़ी कारगर है।
✔ लक्षण अक्सर देर से दिखाई देते हैं – कई महिलाओं में शुरुआती चरणों में लक्षण नहीं दिखते, जिससे जांच ज़रूरी हो जाती है।
यौन जीवन में सावधानी न बरतना – असुरक्षित यौन संबंध या एक से अधिक पार्टनर।
कम उम्र में गर्भधारण और लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन।
सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के सुझाव
कैसे करें बचाव? – डॉ. कविता भट्टी की सलाह
1️⃣ नियमित स्क्रीनिंग टेस्ट करवाएं
???? 30 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं को HPV-नेगेटिव होने पर हर 5 से 10 साल में पैप स्मीयर और HPV टेस्ट करवाना चाहिए।
???? यदि HPV का पता चलता है, तो अनुवर्ती परीक्षण आवश्यक हैं।
2️⃣ HPV वैक्सीन लगवाएं
???? HPV वैक्सीन की सिफारिश निम्न के लिए की जाती है:
✔ 9-14 वर्ष की आयु की लड़कियाँ और लड़के (यौन क्रियाकलाप से पहले सबसे प्रभावी)।
✔ 26 वर्ष तक की महिलाएँ (यदि पहले टीका नहीं लगाया गया है)।
✔ 45 वर्ष तक के कुछ वयस्क (डॉक्टर से परामर्श करें)।
3️⃣ सुरक्षित यौन आदतें अपनाएँ
???? HPV संचरण जोखिम को कम करने के लिए सुरक्षा (कंडोम) का उपयोग करें।
???? HPV के संपर्क को कम करने के लिए यौन साझेदारों की संख्या सीमित करें।
4️⃣ अच्छी स्वच्छता और स्वास्थ्य बनाए रखें
✅ धूम्रपान छोड़ें – धूम्रपान से सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
✅ फलों, सब्जियों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर स्वस्थ आहार लें।
✅ नियमित व्यायाम से अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखें।
5️⃣ चेतावनी के संकेतों को जानें
⚠ असामान्य योनि से रक्तस्राव (संभोग के बाद, मासिक धर्म के बीच या रजोनिवृत्ति के बाद)।
⚠ पैल्विक दर्द या बेचैनी।
⚠ असामान्य योनि स्राव (पानीदार, खूनी या दुर्गंधयुक्त)।
⚠ संभोग के दौरान दर्द।
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
अपने स्वास्थ्य के लिए कदम उठाएँ!
नियमित जांच, स्वस्थ जीवनशैली और जागरूकता सर्वाइकल कैंसर को रोक सकती है और जान बचा सकती है। अपने परिवार और दोस्तों को जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करें!
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